पी.एस.एल.वी.-सी45 द्वारा एमिसैट तथा 28 ग्राहक उपग्रहों का सफल प्रमोचन होम / प्रेस विज्ञप्ति
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा से भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन राकेट (पी.एस.एल.वी.-सी45) ने आज एमिसैट तथा 28 अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों का सफल प्रमोचन किया। यह उड़ान चार स्ट्रैप-ऑन मोटरों वाले पी.एस.एल.वी. के एक नये रूपांतर पी.एस.एल.वी.-क्यू.एल. का पहला मिशन रहा।
पी.एस.एल.वी.-सी45 ने भारतीय मान समयानुसार प्रात: 9:27 बजे द्वितीय प्रमोचक पैड से उड़ान भरी तथा उड़ान के 17 मिनट 12 सेकेण्ड पश्चात भारत के एमिसैट को 748 कि.मी. ऊॅंचाई पर सुर्यतुल्यकाली ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। अलग होने के बाद एमिसैट के दो सौर व्यूह स्वत: विस्तरित हो गए तथा बेंगलुरु में इसरो दूरमिति अनुवर्तन एवं आदेश नेटवर्क ने उपग्रह का नियंत्रण ले लिया। आगामी दिनों में उपग्रह इसके अंतिम संकार्यात्मक संरूपण में लाया जाएगा।
एमिसैट के अलग होने के बाद 28 अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों को 504 कि.मी. की ऊँचाई पर सुर्यतुल्यकाली कक्षा में स्थापित करने हेतु राकेट के चतुर्थ चरण के इजनों को दो बार पुन: प्रारंभ किया गया। उड़ान के एक घंटा 55 मिनट पश्चात अंतिम ग्राहक उपग्रह को उसकी निर्दिष्टी कक्षा में स्थापित कर दिया गया।
उड़ान भरने के लगभग तीन घंटे बाद राकेट के चतुर्थ चरण (पी.एस.4) को एक कक्षीय प्लेटफार्म के रूप में स्थापित करने हेतु उसे दो पुन:प्रारंभ के बाद 485 कि.मी. की ऊँचाई की एक निम्न वृत्तीय कक्षा में लाया गया ताकि इसके तीन नीतभारों के साथ परीक्षण संपन्न किए जा सकें।
एमिसैट ऐसा उपग्रह है जिसे इसरो के 436 कि.ग्रा. वजन वाले लघु उपग्रह-2 बस की भांति बनाया गया है। इस उपग्रह का कार्य विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का मापन करना है।
28 अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रहों जिसका कुल वजन 220 कि.ग्रा. है, वे चार देशों अर्थात लिथूआनिया (2), स्पेन (1), स्विटजरलैण्ड (1) तथा यू.एस.ए. (24) के हैं। इन विदेशी उपग्रहों को वाणिज्यिक व्यवस्था के अंग के रूप में प्रमोचित किया गया।
पी.एस.4 द्वारा वहन किये गये नीतभार इस प्रकार हैं: इसरो की स्वचालित पहचान प्रणाली, ए.एम.सैट की स्वचालित पैकेट पुनरावृत्ति प्रणाली, भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी संस्थान के आयनमंडलीय अध्ययन हेतु भारत तथा उन्नत मंदक विभव विश्लेषक।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. कै. शिवन ने मिशन में शामिल प्रमोचक राकेट एवं उपग्रह टीम को बधाई दी।
डॉ. शिवन ने कहा, ‘’आज का पी.एस.एल.वी. मिशन कई मायनों में अद्वितीय था। यह चार स्ट्रैप-ऑन वाला नया रूपांतर था। राकेट ने तीन अलग कक्षाएं प्राप्त की तथा पहली बार पी.एस.4 चरण को सौर पैनलों द्वारा ऊर्जा प्रदान की गई है”। उन्होंने आगे कहा कि एक नई पी.एस.एल.वी. टीम ने आज के मिशन को संपन्न किया है। डॉ. कै. शिवन ने यह भी कहा कि इस मिशन में उद्योग की महत्वपूर्ण भागीदारी रही।
अब तक पी.एस.एल.वी. ने 46 राष्ट्रीय उपग्रह, भारतीय विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए 10 उपग्रह तथा 297 अंतरराष्ट्रीय ग्राहक उपग्रह, जिसमें आज प्रमोचित उपग्रह भी शामिल हैं, का प्रमोचन किया है।
अपने अगले मिशन में पी.एस.एल.वी.-सी46 मई 2019 में आर.आई.सैट-2बी का प्रमोचन करेगा।